अशोक चक्र की 24 तीलियां क्या दर्शातीं हैं?
सम्राट अशोक के बहुत से शिलालेखों पर प्रायः एक चक्र (पहिया) बना हुआ है इसे अशोक चक्र कहते हैं. यह चक्र धर्मचक्र का प्रतीक है. भारत के राष्ट्रीय ध्वज में अशोक चक्र को स्थान दिया गया है. अशोक चक्र में 24 तीलियाँ होती हैं जिनमे हर एक तीली का एक विशेष मतलब होता है. इस लेख में इन 24 तीलियों के अर्थ को समझाया गया है.
सम्राट अशोक के बहुत से शिलालेखों पर प्रायः एक चक्र (पहिया) बना हुआ है इसे अशोक चक्र कहते हैं. यह चक्र “धर्मचक्र” का प्रतीक है. उदाहरण के लिये सारनाथ स्थित सिंह-चतुर्मुख (लॉयन कपिटल) एवं अशोक स्तम्भ पर अशोक चक्र विद्यमान है. भारत के राष्ट्रीय ध्वज में अशोक चक्र को स्थान दिया गया है.
अशोक चक्र को कर्तव्य का पहिया भी कहा जाता है. ये 24 तीलियाँ मनुष्य के 24 गुणों को दर्शातीं हैं. दूसरे शब्दों में इन्हें मनुष्य के लिए बनाये गए 24 धर्म मार्ग भी कहा जा सकता है. अशोक चक्र में बताये गए सभी धर्मं मार्ग किसी भी देश को उन्नति के पथ पर पहुंचा देंगे. शायद यही कारण है कि हमारे रष्ट्र ध्वज के निर्माताओं ने जब इसका अंतिम रूप फाइनल किया तो उन्होंने झंडे के बीच में चरखे को हटाकर इस अशोक चक्र को रखा था.
आइये अब अशोक चक्र में दी गयी सभी तीलियों का मतलब (चक्र के क्रमानुसार) जानते हैं.
Frequently Asked Questions (FAQ) about Kya Aap Jante Hain Ashok Chakra Ke 24 Tiliyon Ka Arth
1. पहली तीली :- संयम (संयमित जीवन जीने की प्रेरणा देती है)
2. दूसरी तीली :- आरोग्य (निरोगी जीवन जीने के लिए प्रेरित करती है)
3. तीसरी तीली :- शांति (देश में शांति व्यवस्था कायम रखने की सलाह)
4. चौथी तीली :- त्याग (देश एवं समाज के लिए त्याग की भावना का विकास)
5. पांचवीं तीली :- शील (व्यक्तिगत स्वभाव में शीलता की शिक्षा)
6. छठवीं तीली :- सेवा (देश एवं समाज की सेवा की शिक्षा)
7. सातवीं तीली :- क्षमा (मनुष्य एवं प्राणियों के प्रति क्षमा की भावना)
8. आठवीं तीली :- प्रेम (देश एवं समाज के प्रति प्रेम की भावना)
9. नौवीं तीली :- मैत्री (समाज में मैत्री की भावना)
10. दसवीं तीली :- बन्धुत्व (देश प्रेम एवं बंधुत्व को बढ़ावा देना)
11. ग्यारहवीं तीली :- संगठन (राष्ट्र की एकता और अखंडता को मजबूत रखना)
12. बारहवीं तीली :- कल्याण (देश व समाज के लिये कल्याणकारी कार्यों में भाग लेना)
13. तेरहवीं तीली :- समृद्धि (देश एवं समाज की समृद्धि में योगदान देना)
14. चौदहवीं तीली :- उद्योग (देश की औद्योगिक प्रगति में सहायता करना)
15. पंद्रहवीं तीली :- सुरक्षा (देश की सुरक्षा के लिए सदैव तैयार रहना)
16. सौलहवीं तीली :- नियम (निजी जिंदगी में नियम संयम से बर्ताव करना)
17. सत्रहवीं तीली :- समता (समता मूलक समाज की स्थापना करना)
18. अठारहवी तीली :- अर्थ (धन का सदुपयोग करना)
19. उन्नीसवीं तीली :- नीति (देश की नीति के प्रति निष्ठा रखना)
20. बीसवीं तीली :- न्याय (सभी के लिए न्याय की बात करना)
21. इक्कीसवीं तीली :- सहकार्य (आपस में मिलजुल कार्य करना)
22. बाईसवीं तीली :- कर्तव्य (अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करना)
23. तेईसवी तीली :- अधिकार (अधिकारों का दुरूपयोग न करना)
24. चौबीसवीं तीली :- बुद्धिमत्ता (देश की समृधि के लिए स्वयं का बौद्धिक विकास करना)
तो इस प्रकार आपने पढ़ा कि अशोक चक्र में दी गयी हर एक तीली का अपना मतलब है.सभी तीलियाँ सम्मिलित रूप से देश और समाज के चहुमुखी विकास की बात करती हैं. ये तीलियाँ सभी देशवासियों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में स्पष्ट सन्देश देने के साथ साथ यह भी बतातीं हैं कि हमें अपने रंग, रूप, जाति और धर्म के अंतरों को भुलाकर पूरे देश को एकता के धागे में पिरोकर देश को समृद्धि के शिखर तक ले जाने के लिए सतत प्रयास करते रहना चाहिए.
GK Questions And Answers About Ashok Chakra in Hindi
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उत्तर:- अशोक चक्र धर्म चक्र का प्रतीक है।
प्रश्न 2:- अशोक चक्र में कितनी तिलिया होती हैं?
उत्तर:- अशोक चक्र में 24 तिलिया होती हैं।
प्रश्न 3:- भारतीय झंडे में अशोक चक्र की सहमति कब मिली?
उत्तर:- 22 जुलाई 1947 को।
प्रश्न 4:- भारतीय झंडे में अशोक चक्र को स्थापित करने का मुख्य श्रेय किसे जाता है?
उत्तर:- बाबा भीमराव अंबेडकर को।
प्रश्न 5:- भारतीय झंडे में स्थित अशोक चक्र कौन से रंग का है?
उत्तर:- भारतीय झंडे में स्थित अशोक चक्र गहरे नीले रंग का है।
प्रश्न 5:- महात्मा गांधी जी भारतीय झंडे में अशोक चक्र के बदले कौन सा चिह्न लगवाना चाहते थे?
उत्तर:- चरखे की आकृति।
क्या आप को पता है 6 बार बदलने के बाद तिरंगा बना राष्ट्रीय ध्वज, देखिए देश के पिछले 5 झंडे कैसे दिखते थे
1)👉 भारत का पहला झंडा: यह झंडा 7 अगस्त 1906 में कलकत्ता के पारसी बगान स्कवॉयर में ये पहला फहराया गया था। जिसमें बाद में बदलाव किया गया।
2)👉 भारत का दूसरा झंडा: भारत का दूसरा झंडा सन 1907 में मैडम कामा और निर्वासित क्रांतिकारियों और उनके संगठन ने पेरिस में फहराया था। हालांकि यह ध्वज पहले झंडे से काफी मिलता जुलता था।
3)👉 भारत का तीसरा झंडा: साल 1917 में होम रूल मूवमेंट के दौरान इस भारतीय झंडे को डॉ. एनी बेसेंट और लोकमान्य तिलक ने फहराया था। इस ध्वज पर ब्रिटिश साम्राज्य का झण्डा भी कोने में मौजूद था।
4)👉 भारत का चौथा झंडा: भारत के इस चौथे झंडे को पिंगाली वेंकैया ने देश को एकजुट करने के लिए सन 1916 में बनाया था, इस झंडे में गांधी जी ने चरखे का चित्र बनवाया था, और इसे गांधी जी ने 1921 में फहराया था।
5)👉 भारत का पाचवां झंडा: पांचवी बार बदलाव वाले इस तिरंगा झंडा को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस कमेटी की बैठक में सन 1921 में राष्ट्रीय ध्वज के रूप में मान्यता दी गयी। हालांकि इसमें भी बाद में बदलाव कर दिया गया।
6)👉 भारत का छठा और आखरी राष्ट्रीय ध्वज: सन 1921 में मान्यता प्राप्त भारत का पांचवां राष्ट्रीय ध्वज को ही थोड़े से बदलाव के बाद आजाद भारत के लिए संविधान सभा ने भारतीय झंडे के रूप में स्वीकार कर लिया। इसमें केवल चरखे की जगह अशोक चक्र को शामिल कर लिया गया, जो आज तक हमारा राष्ट्रीय ध्वज है।
तिरंगा के बारे में कई रोचक बातें हैं। उनमें से 17 रोचक बातें निम्नलिखित हैं:
1.👉 तिरंगा, भारत का 'राष्ट्रीय ध्वज' है।
2.👉 तिरंगे में सबसे ऊपर केसरिया, बीच में सफ़ेद व सबसे नीचे हरा रंग है। सभी रंग बराबर अनुपात में हैं। सफ़ेद रंग की पट्टी पर झंडे के मध्य में नीले रंग का चक्र है जिसमें 24 तीलियाँ हैं।
3.👉 केसरिया रंग देश की ताकत एवं साहस का परिचायक है। बीच में सफ़ेद रंग की पट्टी शांति एवं सत्यता को दर्शाती है। हरे रंग की पट्टी धरती की उर्वरता, विकास एवं पवित्रता की परिचायक है। चक्र इस बात को दर्शित करता है कि जीवन गतिमान है जबकि मृत्यु निश्चलता का नाम है।
4.👉 तिरंगे (झंडे) की लंबाई व चौड़ाई का अनुपात 3:2 है। चक्र का व्यास सफ़ेद पट्टी की चौड़ाई के लगभग बराबर होता है।
5.👉 भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को 'पिंगली वेंकय्या', एक कृषक और भारतीय स्वतंत्रता सेनानी द्वारा डिजाइन किया गया था।
6.👉 भारत की संविधानकारी सभा द्वारा तिरंगे को भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के रूप में 22 जुलाई 1947 को अंगीकृत किया गया था।
7.👉 तिरंगे को विदेशी धरती पर सबसे पहले 'भीखाजी खामा' के द्वारा लहराया गया था।
8.👉 'राकेश शर्मा' के द्वारा अन्तरिक्ष पर पहला राष्ट्रीय तिरंगा फ़हराया गया।
9.👉 भारत के राष्ट्रीय ध्वज के निर्माण करने का अधिकार खादी विकास और ग्रामोद्योग आयोग के पास है, जो बदले में इसे क्षेत्रीय समूहों को आवंटित करता है।
10. 👉भारत में ‘फ्लैग कोड ऑफ इंडिया’ (भारतीय ध्वज संहिता) नाम का एक कानून है, जिसमें तिरंगे को फहराने के कुछ नियम-कायदे निर्धारित किए गए हैं।
11.👉 तिरंगे को फहराने का नियम यह है कि इसे सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच दिन के प्रकाश में फहराया जाना चाहिए।
12.👉 किसी भी हालत में फटा हुआ तिरंगा (राष्ट्रीय ध्वज) नहीं फ़हराया जा सकता है।
13.👉 कोई अन्य ध्वज या कोई प्रतीकात्मक प्रतिनिधित्व तिरंगे के ऊपर नहीं होना चाहिए।
14.👉 तिरंगे का उपयोग किसी भी तरह के व्यापार, कपड़ा पहनने, कवर आदि के लिए इस्तेमाल में नहीं किया जाना चाहिए।
15.👉 भारत के संविधान के अनुसार जब किसी राष्ट्र विभूति का निधन होता है व राष्ट्रीय शोक घोषित होता है, तब कुछ समय के लिए तिरंगे को झुका दिया जाता है।
16.👉 देश के लिए जान देने वाले शहीदों और देश की महान शख्सियतों को तिरंगे में लपेटा जाता हैं। इस दौरान केसरिया पट्टी सिर की तरफ और हरी पट्टी पैरों की तरफ होनी चाहिए।
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